KS Bharat Story: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज गुरुवार (9 फरवरी) से नागपुर में शुरू हुई हैं। इस मैच में टीम इंडिया ने दो खिलाड़ियों को अपना पहला टेस्ट डेब्यू दिया। विकेटकीपर बल्लेबाज केएस भरत ने पदार्पण किया हैं।

वैसे ही जैसा कि सूर्यकुमार यादव ने किया, जिन्होंने टी20 और वनडे में शानदार बल्लेबाजी की। ऋषभ पंत के चोटिल होने के कारण भरत को मौका दिया गया। श्रेयस अय्यर के चोटिल होने पर सूर्यकुमार यादव को मौका दिया गया।

भरत की यात्रा कठिन रही है। भरत के पिता, श्रीनिवास राव, नौसेना में एक डॉकयार्ड कर्मचारी हैं और आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में रहते हैं। उनकी मां कोना देवी गृहिणी हैं। वह क्रिकेट खेलने के लिए स्कूल छोड़ देता था।

एक इंटरव्यू में श्रीकर भरत ने बताया था कि वह गली में क्रिकेट खेलते थे तो पड़ोसी काफी परेशान रहते थे। उन्होंने पड़ोसियों के घर के कांच कई बार फोड़े हैं। आसपास के लोग लगातार पिता को शिकायत करने लगे थे। इससे तंग आकर पिता ने क्रिकेट एकेडमी में भेज दिया।

भरत पहली बार 16 साल की उम्र में राज्य की टीम में शामिल हुए थे। इसके बाद पिता ने उनके खेल पर ध्यान देना शुरू किया। जब उनके पिता ने उन्हें क्रिकेट और पढ़ाई के बीच चयन करने के लिए कहा, तो भरत ने क्रिकेट को चुना। फिर उनकी कहानी आगे बढ़ी।

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