रवींद्र जडेजा का जन्म 6 दिसंबर, 1988 को जामनगर, गुजरात में हुआ था वह बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज और निचले क्रम के बल्लेबाज हैं। रवींद्र जडेजा का नाम इंडियन टीम के बेहतरीन ऑलराउंडरो में शामिल है। जडेजा के पिता एक किसान थे और पालन पोषण भी गांव में हुआ था। उन्हें छोटी उम्र से ही क्रिकेट खेलना काफी पसंद था, और वह अपने दोस्तों के साथ गांव की गलियों में क्रिकेट खेला करते थे। परिवार ने खुद परेशानियों से जूझते हुए जडेजा के क्रिकेट के प्रेम का समर्थन किया और उन्हें क्रिकेट में आगे बढ़ने की अनुमति दी।
असल में जडेजा की क्रिकेट यात्रा उस समय शुरू हुई जब वह जामनगर में क्रिकेट अकादमी में शामिल हुए। और देखते ही देखते अपनी प्रतिभा के बल पर उन्होंने अंडर -19 क्रिकेट टीम में अपनी जगह बना ली। वर्ष 2006 में प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया और रणजी ट्रॉफी में सौराष्ट्र के लिए प्रदर्शन किया। यही नहीं उन्हें जल्द ही इंडियन क्रिकेट टीम के लिए चुन लिया गया।
जडेजा ने 2009 में श्रीलंका के विरुद्ध टी20 मैच से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। और बीते समय में उनकी शानदार प्रतिभा के चलते लोग उन्हें ऑलराउंडर के नाम से जाने लगे थे। वर्ष 2011 में भारतीय क्रिकेट टीम ने विश्व कप जीता था, और उस समय जडेजा इंडियन टीम का हिस्सा थे। उन्होंने अपने क्रिकेट कौशल के लिए कई पुरस्कार और सम्मान जीते हैं।
जडेजा के माता-पिता ने किए उनके क्रिकेट करियर के लिए त्याग
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विंद्र जडेजा ग्रामीण क्षेत्र में पले-बढ़े थे। जडेजा के परिवार हालत कुछ अच्छी नहीं थी, उन्हें गुज़ारा करने के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इतने संघर्ष के बावजूद भी, उनके परिवार ने कभी भी क्रिकेट के प्रति उनके जुनून को कम नहीं होने दिया बल्कि उन्होंने जडेजा को उनका सपना पूरा करने के लिए हर आवश्यक संसाधन प्रदान किए।विंद्र जडेजा ग्रामीण क्षेत्र में पले-बढ़े थे। जडेजा के परिवार हालत कुछ अच्छी नहीं थी, उन्हें गुज़ारा करने के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इतने संघर्ष के बावजूद भी, उनके परिवार ने कभी भी क्रिकेट के प्रति उनके जुनून को कम नहीं होने दिया बल्कि उन्होंने जडेजा को उनका सपना पूरा करने के लिए हर आवश्यक संसाधन प्रदान किए।विंद्र जडेजा ग्रामीण क्षेत्र में पले-बढ़े थे। जडेजा के परिवार हालत कुछ अच्छी नहीं थी, उन्हें गुज़ारा करने के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इतने संघर्ष के बावजूद भी, उनके परिवार ने कभी भी क्रिकेट के प्रति उनके जुनून को कम नहीं होने दिया बल्कि उन्होंने जडेजा को उनका सपना पूरा करने के लिए हर आवश्यक संसाधन प्रदान किए।
इतना ही नहीं वह जामनगर में क्रिकेट अकादमी में शामिल हुए। उनके माता-पिता ने उनके प्रशिक्षण और उपकरणों के भुगतान के लिए काफ़ी त्याग किए। और जडेजा ने भरपूर मेहनत करके अपना नाम बनाया और उन्हें अंडर -19 क्रिकेट टीम के लिए चुना गया। और देखते ही देखते हैं फिर भारतीय क्रिकेट टीम के एक मूल्यवान खिलाड़ी बन गए
रवींद्र जडेजा का मार्शल जीवन

17 अप्रैल वर्ष 2016 को गुजरात के जामनगर में रविंद्र जडेजा ने रीवाबा सोलंकी से पूरे रीती रिवाज के साथ शादी रचाई। रीवाबा सोलंकी पेशे से एक दंत चिकित्सक हैं। वह अपने पूरे क्रिकेट करियर के दौरान रवींद्र जडेजा के लिए प्रेरणा और समर्थन का एक निरंतर स्रोत रही हैं। इस जोड़े के दो बच्चे हैं, उनके बेटे का नाम निध्युश और बेटी का नाम जैकसंध्या है।