आंध्र प्रदेश के हनुमा विहारी ने रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल मैच में अपने दृढ़ निश्चय और जुझारू जज्बे से सबका दिल जीत लिया। मध्य प्रदेश के खिलाफ मैच में उनकी कलाई में फ्रैक्चर हो गया था। ऐसे में वह बाएं हाथ के बल्लेबाज में तब्दील हुए। अपनी टीम के लिए बल्लेबाजी करने आए।

अपनी पारी में उन्होंने दो चौके भी लगाए। इनमें से एक चौका तेज गेंदबाज आवेश खान की गेंद पर आया।हनुमा विहारी की पारी ने सिडनी टेस्ट की याद दिला दी। जब वो और अश्विन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच खेलने के लिए साथ आए थे। इस मैच के दौरान उन्हें हैमस्ट्रिंग इंजरी हो गई थी। इसके बावजूद उन्होंने बल्लेबाजी जारी रखी और भारत को हारने से रोका।

मध्य प्रदेश के खिलाफ रणजी मैच के दौरान विहारी की बाईं कलाई में फ्रैक्चर हो गया था। वह सामान्य रूप से दाएं हाथ से बल्लेबाजी करते है। उसका बायां हाथ सामने होता है। वह अपनी बाईं कलाई में फ्रैक्चर के कारण उसे सामने नहीं रख पा रहे थे।

उन्होंने बाएं हाथ से बल्लेबाजी का रुख अपनाया। ऐसी स्थिति में अपने बाएं हाथ को अपनी पीठ के पीछे छिपा लिया। उन्होंने केवल अपने दाहिने हाथ को आगे करके बल्लेबाजी करना जारी रखा और 27 रन पर आउट हो गए।

उन्होंने इस मैच की पहली पारी में 37 गेंदों में 16 रन बनाए। इससे वह घायल हो गए थे। स्कैन के बाद, यह निर्धारित किया गया था, कि वह पांच से छह सप्ताह तक गेम से बाहर रहना होगा। ऐसे में टीम प्रबंधन ने फैसला किया। विहारी जरूरत पड़ने पर ही बल्लेबाजी करेंगे।

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