भारतीय क्रिकेट टीम की सेलेक्शन कमेटी का नया मुखिया कौन होगा? ये सवाल बीते कुछ दिनों से पूछा जा रहा है। एक कथित स्टिंग ऑपरेशन में कई तरह की विवादित बातें बोलने के कारण पिछले महीने ही मुख्य चयनकर्ता बने चेतन शर्मा को इस्तीफा देना पड़ा था। ऐसे में पांच सदस्यों वाली सीनियर सेलेक्शन कमेटी फिलहाल चीफ सेलेक्टर के बिना ही चल रही है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) किसे नया चीफ सेलेक्टर बनाएगा, इसका जवाब हर कोई तलाश रहा है।

हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) क्या वो नाम हो सकते हैं पूर्व भारतीय स्पिनर से जब ये पूछा गया, तो उन्होंने खुलकर एक शर्त सामने रख दी, जिसके बाद ही वह इस पर विचार कर सकते हैं। भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) को लगता है कि अगर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) सेलेक्टर्स के पद पर बड़े नामों को लेना चाहता है तो मुख्य चयनकर्ता का वेतन मुख्य कोच के बराबर होना चाहिए।
हरभजन सिंह ने क्या कहा

इंडियन एक्सप्रेस के आइडिया एक्सचेंज सेशन में हरभजन सिंह ने अपने विचार साझा किए। हरभजन ने महसूस किया है कि ब्रॉड कॉस्टर्स के कॉमेंट्री पैनल में होने के कारण शीर्ष पूर्व क्रिकेटर्स को मुख्य चयनकर्ता की भूमिका ज्यादा लुभा नहीं पा रही है। हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने कहा, “एक व्यक्ति, जिसने ज्यादा क्रिकेट खेली है, चयनकर्ता बनकर बहुत सारे मुद्दों को हल करेगा। लेकिन वे अवसर क्यों लेंगे? मैं आपको वीरेंद्र सहवाग का उदाहरण दूंगा।”

हरभजन सिंह ने कहा, “यदि आप वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) को मुख्य चयनकर्ता बनने के लिए कहते हैं, तो उस पद के वेतन का विश्लेषण करने की आवश्यकता है। मुझे नहीं पता कि भारत में मुख्य चयनकर्ता कितना कमाते हैं, लेकिन अगर सहवाग कॉमेंट्री में हैं या क्रिकेट से जुड़े अन्य व्यवसायों में हैं, तो संभावना है कि वह अधिक पैसा कमा रहे हैं।” आपको बता दें कि चीफ सेलेक्टर का वेतन 1 करोड़ सालाना है। जबकि कमेटी के बाकी सदस्यों को 90 लाख रुपये सालाना मिलते हैं। वहीं, कहा जाता है कि टीम इंडिया के वर्तमान कोच राहुल द्रविड़ सालाना 7 करोड़ रुपये से ज्यादा का वेतन ले रहे हैं।

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हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने आगे कहा, “अगर आप सहवाग जैसे बड़े नाम को चीफ़ सेलेक्टर के रूप में देखना चाहते हैं, तो आपको पैसे खर्चने होंगे। अगर आप पैसे नहीं खर्चेंगे, तो आपको ऐसे प्लेयर्स में से सेलेक्टर्स चुनने होंगे जिन्होंने शायद एक ही साल खेला हो और उतने बड़े नाम ना हो। अगर राहुल द्रविड़ जैसा प्लेयर कोच बनाया जाता है, तो चीफ़ सेलेक्टर भी वैसे ही कद का आदमी होना चाहिए। जिसकी आवाज़ में दम हो, जिसके वजूद में दम हो।”